देश ने पाँच साल दिया है

'''''''देश ने पाँच साल दिया है''''''''
कब तक चुप रहा जा सकता है
कब तक सहा जा सकता है
भारत अभी अंधा नहीं हुआ
युवा अभी शर्मिन्दा नहीं हुआ
कलम को कलम रहने दो
अंगार ना बनाओ
इसकी स्याही को खुल के बहने दो
तलवार ना बनाओ
नेता जी सम्भल जाओ
बोलने पे रोक ना लगाओ
रोजगार छींन कर
फिर से क्रांती ना लाओ
सम्भलता नहीं देश तो
साफ -साफ बताओ
इन काॅरपोरेट के हाथों
देश को ग्रीरवी मत बनाओ
धंधा आपका समझ आता नहीं
सरकारी शाखा का नीजिकरण क्या है
खुल के समझाओ
'कर' बढाने से पहले व्यापार बढाओं
अब आप ही आप दिखाई देते है
बाकी सब क्या वनवास गये है
कँही ऐसा तो नही माॅब लिंचीग के डर से ,
उंगलियाँ समेटे बैठे है
कब तक राम-राम खेलेंगे
पूछ लिया राम ने तो क्या बोलेंगे
धर्म का खूब प्रसार किया है
सबसे ज्यादा भीङ से डर दिया है
सुधर जाओ नेता जी
देश ने पाँच साल दिया है ।
-nisha nik''ख्याति''






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