गाय माता

वो मासूम, उदास
रात होने पर
सीधी सङकों पर
एक कोंना तलाशने लगती है
किसी चौराहे पर
दीवार के सहारे पर
रखी रोटियों को
तलाशती हुई
ना जाने कितना सफ़र करती है
रात होने पर
वो गऊ माता,
गाय रह कर
एक कोने की तलाश करती है ।
    -nisha nik''ख्याति''

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