पापा एक आखरी गुङिया ला दो

''पापा एक आखरी गुङिया दिलवा दो''

पापा एक आखरी गुङिया दिलवा दो
मेरी छोटी पायल उसको पहना दो
मेरी श्रृंगार की चुनी के साथ ,उसके लिए भी एक चुनी ला दो
मेरी वो घुंगरू वाली चुङिया उसको पहना दो
पापा एक आखरी गुङिया ला दो
अब उम्र रही नही मेरी, गुङिया से खेलने की
फिर भी मुझको आखरी गुङिया ला दो
जिसके साथ बांध सकूं अपनी बचपन की यादो को, वो आखरी खिलौना दिला दो
पापा एक आखरी गुङिया ला दो
उसको मेरे हवाले ना करना
बस मेरी छोटी-छोटी चीजों से उसको सजा देना
मेरी नटखट भरी आटखेलियाँ ,उसको देख याद, करना
कैसे मैं पूरा दिन बिताती थी गुङिया सजाने में,
ये सोच कर हंसना
अब गुङिया आपकी बङी हो गई, ये सोच कर आँखों में मोती भरना
जो थी किलकारी आपके आंगन की, अब वो सम्मान पिया के घर की हो गई
ये सोच कर, उस गुङिया को देख मुस्कुरा देना
पापा एक आखरी गुङिया ला दो!!

  -nisha nik''ख्याति''

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